प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि दुनियां में संतुलन बहाल करना न सिर्फ वैश्विक मामले हैं बल्कि एक वैश्विक जरूरत है। नई दिल्ली में परम्परागत औषधि पर विश्व स्वास्थ्य संगठन वैश्विक शिखर सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए श्री मोदी ने कहा कि योग ने विश्व को स्वास्थ्य, संतुलन और समरसता का मार्ग दिखाया है। उन्होंने कहा कि भारत के प्रयासों और 175 से अधिक देशों के सहयोग से संयुक्त राष्ट्र द्वारा 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने की घोषणा की गई थी। श्री मोदी ने कहा कि इन वर्षों में हर किसी ने विश्व के हर कोने में योग को पहुंचते हुए देखा है।
श्री मोदी ने कहा कि शारीरिक परिश्रम के बिना संसाधनों और सुविधाओं की बढ़ती उपलब्धता मानव स्वास्थ्य के लिए अप्रत्याशित चुनौतियां खड़ी कर रही हैं। उन्होंने कहा कि पारंपरिक स्वास्थ्य देखभाल को तात्कालिक जरूरतों से परे देखना होगा और भविष्य के लिए तैयारी करना हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के लिए यह सौभाग्य और गर्व की बात है कि जामनगर में विश्व स्वास्थ्य संगठन – डब्ल्यूएचओ का वैश्विक पारंपरिक चिकित्सा केंद्र स्थापित किया गया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में डब्ल्यूएचओ के दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्रीय कार्यालय का उद्घाटन एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि है। श्री मोदी ने कहा कि भारत की ओर से एक विनम्र उपहार के रूप में प्रस्तुत यह वैश्विक केंद्र अनुसंधान को बढ़ावा देगा, नियमों को मजबूत करेगा और क्षमता निर्माण को प्रोत्साहित करेगा। विश्व भर में चिकित्सा संबंधी साझेदारियों पर जोर देते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने दो महत्वपूर्ण सहयोग के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि पहला – दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया को कवर करने वाले बिम्सटेक देशों के लिए उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना और दूसरा – विज्ञान, पारंपरिक प्रथाओं और स्वास्थ्य को एकीकृत करने के उद्देश्य से जापान के साथ सहयोग है।
इस अवसर पर विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टेड्रोस अधानोम घेब्रेयेसुस के साथ प्रधानमंत्री ने दिल्ली में नए विश्व स्वास्थ्य संगठन – दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्रीय कार्यालय का उद्घाटन किया। इस कार्यालय में विश्व स्वास्थ्य संगठन के भारतीय कार्यालय का भी संचालन होगा। यह विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ भारत की साझेदारी में एक महत्वपूर्ण पडाव का परिचायक है। प्रधानमंत्री ने योग प्रशिक्षण पर विश्व स्वास्थ्य संगठन की तकनीकी रिपोर्ट और ‘फ्रॉम रूट्स टू ग्लोबल रीच: 11 इयर्स ऑफ ट्रांसफॉर्मेशन इन आयुष’ नामक पुस्तक का भी विमोचन किया।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस अधानोम घेब्रेयेसुस ने कहा कि भारत ने यह साबित कर दिया है कि परंपरा, नवाचार और विज्ञान साथ-साथ प्रगति कर सकते हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने कहा कि भारत पारंपरिक चिकित्सा को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध है। आयुष मंत्री प्रतापराव जाधव ने कहा कि आयुष चिकित्सा प्रणाली केवल उपचार नहीं बल्कि जीवन शैली है।