दिव्या देशमुख फिडे महिला शतरंज विश्वकप जीतने वाली पहली भारतीय महिला बन गई हैं। जॉर्जिया के बाटूमी में आज दिव्या ने कोनेरू हम्पी को टाईब्रेक में हराकर अपने करियर की सबसे बड़ी जीत हासिल की। इसके साथ ही 19 वर्षीय दिव्या, कोनेरू हम्पी, द्रोणावल्ली हरिका और आर वैशाली के बाद चौथी भारतीय ग्रैंडमास्टर बन गईं।
दिव्या ने अगले वर्ष कैंडिडेट टूर्नामेंट के लिए भी क्वालिफाई कर लिया है। खिताब के लिए दिव्या चीन की विश्व चैंपियन जू वेनजुन के साथ खेलेंगी।
फिडे महिला शतरंज विश्व कप में हम्पी दूसरे स्थान पर रहीं। पहली बार फिडे महिला शतरंज विश्व कप का फाइनल दो भारतीयों के बीच खेला गया।
हम्पी और दिव्या के बीच फाइनल की दोनों बाजी ड्रॉ रही थी। दो कड़े मुकाबलों के बाद, हम्पी और दिव्या के बीच का यह फाइनल टाई-ब्रेक में पहुंच गया था।
इस सफलता के साथ दिव्या ने विश्व चैंपियन डी गुकेश, आर प्रज्ञानानंद और अर्जुन इरिगेसी जैसे भारतीय खिलाडि़यों के क्लब में जगह बना ली है।