दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने आज मीडिया प्रतिनिधियों को विधानसभा परिसर के उस स्थान का भ्रमण कराया जिसे आम आदमी पार्टी ने फांसीघर कहकर प्रस्तुत किया था। इस भ्रमण का उद्देश्य तथ्यों के आधार पर ऐतिहासिक सच्चाई स्पष्ट करना और इस प्रकार की भ्रामक धारणाओं को दूर करना था। इस अवसर पर श्री गुप्ता ने कहा कि यहां फांसीघर जैसा कोई स्थान कभी नहीं रहा है। उन्होंने कहा कि इस बात में न तो कोई ऐतिहासिक प्रमाण है, न ही कोई अभिलेखीय आधार।
विधानसभा अध्यक्ष ने भवन की प्रमुख विशेषताओं की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए बताया कि अध्यक्ष कक्ष के दोनों ओर बराबर दूरी पर दो एक जैसे लिफ्ट शाफ्ट स्थित हैं, जो ब्रिटिश काल में सदस्यों तक टिफिन पहुँचाने के लिए बनाए गए थे। उन्होंने कहा कि इन सेवा कक्षों को ही अब गलत तरीके से फांसीघर कहकर प्रचारित किया जा रहा है, जबकि इसका कोई ऐतिहासिक या स्थापत्य प्रमाण मौजूद नहीं है।
श्री गुप्ता ने यह भी कहा कि इस विषय को सदन में औपचारिक रूप से उठाया जाएगा ताकि सभी तथ्य और दृष्टिकोण विधिवत रूप से रिकॉर्ड पर आ सकें। उन्होंने कहा कि ऐतिहासिक स्थलों की व्याख्या तथ्यों और प्रमाणों पर आधारित होनी चाहिए, विशेषकर जब बात किसी संवैधानिक संस्था की हो। उन्होंने आश्वासन दिया कि दिल्ली विधानसभा अपनी संस्थागत विरासत को पूरी प्रामाणिकता और जिम्मेदारी के साथ संरक्षित व प्रस्तुत करने के लिए संकल्पबद्ध है।