राजधानी दिल्ली में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पावन पर्व बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। मान्यताओं के अनुसार द्वापर युग में आज के ही दिन भगवान कृष्ण ने जन्म लिया था। इस दिन भक्त व्रत रखते हैं, बाल गोपाल का श्रृंगार करते हैं और उन्हें माखन, मिश्री, तुलसी पत्ते जैसी प्रिय वस्तुएं अर्पित करते हैं। इस दौरान भक्तजन पूजा-पाठ और भंजन र्कितन में लीन रहे।
कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर शहर के स्कूलों में भगवान कृष्ण और राधा की वेशभूषा में बच्चों ने उत्सव में भाग लिया। मंदिरों और घरों के अलावा बाजारों में भी रोनक देखने को मिल रही है। हमारे संवाददाता ने बताया कि इस दौरान लड्डू गोपाल के लिए वस्त्र, आभूषण, मिठाइयों और फल-फूलों की बिक्री सबसे अधिक देखने को मिली।
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के भव्य उत्सव को मनाने के लिए बड़ी संख्या में भक्त शहर के विभिन्न मंदिरों में एकत्रित हो रहे हैं। इनमें नई दिल्ली के बिड़ला मंदिर, ईस्ट ऑफ़ कैलाश स्थित इस्कॉन मंदिर, पंजाबी बाग के कृष्ण मंदिर, द्वारका स्थित इस्कॉन द्वारकाधीश मंदिर और दक्षिणी दिल्ली के छतरपुर मंदिर में भव्य उत्सव मनाया जा रहा है। इस अवसर पर भगवान कृष्ण को भोग लगाने के लिए पंजाबी बाग मंदिर में 501 व्यंजन तैयार किए जा रहे हैं।
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने भी आज ईस्ट ऑफ़ कैलाश के इस्कॉन मंदिर में भगवान कृष्ण की पूजा-अर्चना और आरती की। मीडिया को संबोधित करते हुए, मुख्यमंत्री गुप्ता ने नागरिकों को अपनी शुभकामनाएँ दीं और कहा कि भगवान कृष्ण का आशीर्वाद सदैव लोगों पर बना रहे।
जन्माष्टमी मात्र एक पर्व ही नहीं बल्कि यह अधर्म पर धर्म की विजय का प्रतीक है। यह प्रेम, भक्ति और त्याग के अलावा लोगों को सत्य और धर्म के मार्ग पर चलकर जीवन में सफलता प्राप्त करने का संदेश देता है।