दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने दिल्ली महिला आयोग-डीसीडब्ल्यू की 223 कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से हटाने का आज आदेश दिया है। अपने आदेश में श्री सक्सेना ने आरोप लगाया कि इन कर्मचारियों की नियुक्ति बिना उनकी मंजूरी के की गई थी। आदेश में कहा गया है कि आयोग की तत्कालीन अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने नियमों के खिलाफ जाकर बिना अनुमति के इन सभी संविदा कर्मचारियों की नियुक्ति की थी। महिला एवं बाल विकास विभाग ने डीसीडब्ल्यू से इन्हें हटाने के निर्देश दिए हैं। आदेश में अधिनियम का हवाला दिया गया है कि आयोग में सिर्फ 40 ही पद स्वीकृत हैं और साथ ही उन्हें अनुबंध पर कोई कर्मचारी रखने का अधिकार नहीं है।
आरोपों का खंडन करते हुए सुश्री मालीवाल ने कहा कि आयोग में केवल नब्बे कर्मचारी ही कार्यरत हैं। उन्होंने कहा कि 90 महिलाओं की टीम में से 82 महिलाएं संविदा पर कम वेतन पर काम कर रही हैं। सुश्री मालीवाल ने कहा कि डीसीडब्ल्यू में पहले से ही कर्मचारियों की कमी है और इस निर्देश के बाद आयोग की स्थिति और भी लचर हो जाएगी। उन्होंने कहा कि इस आदेश के खिलाफ वह न्यायालय में जायेंगी।