प्रवर्तन निदेशालय ने आज दिल्ली जल बोर्ड के पूर्व मुख्य इंजीनियर जगदीश कुमार अरोड़ा और उनकी पत्नी अल्का अरोड़ा समेत अन्य लोगों की आठ करोड 80 लाख रुपये की कीमत वाली विभिन्न अचल और चल संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क किया है। एक प्रेस वक्तव्य में जांच एजेंसी ने बताया कि पीएमएलए कानून के तहत यह कार्रवाई की गई है। ईडी ने बताया कि केंद्रीय जांच ब्यूरो द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की गई जिसमें दिल्ली जल बोर्ड में भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी से संबंधित अपराध शामिल थे। एफआईआर में आरोप लगाया गया कि जगदीश कुमार अरोड़ा ने अपने कार्यकाल में फ्लो मीटर के अनुबंध को बढ़ी हुई कीमत पर एक निजी कंपनी को 38 करोड रूपये में दिया था। एफआईआर के अनुसार इस कंपनी के तकनीकी पात्रता मानदंडों को पूरा न करने के बावजूद भी यह अनुबंध प्रदान किया गया था।