प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि दिल्ली कार विस्फोट के षड्यंत्रकारियों को बख्शा नहीं जाएगा। जाँच एजेंसियाँ मामले की तह तक जाएँगी और इसके लिए ज़िम्मेदार लोगों को न्याय के कटघरे में लाया जाएगा। भूटान के पूर्व नरेश जिग्मे सिंग्ये वांगचुक की 70वें जन्मदिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दिल्ली की घटना के बाद वह भारी मन के साथ थिम्पू आए हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि कल रात भर वह जाँच एजेंसियों के संपर्क में रहे।
प्रधानमंत्री मोदी की उपस्थिति में भूटान नरेश ने चांगलिमथांग स्टेडियम में भूटान के हजारों नागरिकों के साथ दिल्ली के लाल किला विस्फोट के पीड़ितों के लिए प्रार्थना भी की।
श्री मोदी ने कहा कि भूटान के चौथे नरेश ने भारत और भूटान के बीच मैत्री को मज़बूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। प्रधानमंत्री ने भूटान नरेश को हार्दिक बधाई दी और उनके अच्छे स्वास्थ्य और दीर्घायु की कामना की।
प्रधानमंत्री मोदी आज सुबह भूटान की दो दिन की यात्रा पर थिम्पू पहुँचे। अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री ने दोनों देशों के बीच आगंतुकों और निवेशकों की सुगम आवाजाही के लिए भूटान के सीमावर्ती शहर गेलेफू के पास एकीकृत आव्रजन चौकी के निर्माण की योजना के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि गेलेफू और सामत्से को भारत के रेल नेटवर्क से जोड़ा जाएगा। इस परियोजना से भूटान के उद्योगों और किसानों के लिए बाज़ार पहुँच में सुधार होगा। उन्होंने कहा कि भारत और भूटान केवल सीमाओं से ही नहीं बल्कि संस्कृतियों से भी जुड़े हैं। हमारा रिश्ता मूल्यों, भावनाओं, शांति और प्रगति का है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज थिम्पू में भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता भी की। बाद में प्रधानमंत्री मोदी और भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक ने भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों के सानिध्य में पुनात्सांगछू-द्वितीय जलविद्युत परियोजना का संयुक्त रूप से उद्घाटन किया। एक हजार 20 मेगावाट की यह परियोजना भारत और भूटान के बीच दीर्घकालिक ऊर्जा सहयोग में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि ऊर्जा सहयोग भारत-भूटान साझेदारी का एक प्रमुख स्तंभ है। उन्होंने कहा कि पुनात्सांगछू-द्वितीय जलविद्युत परियोजना का उद्घाटन दोनों देशों के बीच मित्रता का एक स्थायी प्रतीक है।
इससे पहले, प्रधानमंत्री मोदी ने भूटान के चौथे राजा जिग्मे सिंग्ये वांगचुक की 70वें जन्मदिवस के अवसर पर आयोजित आध्यात्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के अंतर्गत पूजा-अर्चना भी की।
पूल से/2031