दिल्ली उच्च न्यायालय ने स्वाति मालीवाल उत्पीड़न मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निकटतम सहयोगी बिभव कुमार की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका को संसद सदस्यों और विधानसभा सदस्यों से जुड़े मामलों की सुनवाई करने वाली रोस्टर पीठ को स्थानांतरित कर दिया है।
न्यायाधीश नवीन चावला ने निर्देश दिया है कि इस मामले की शिकायतकर्ता राज्यसभा की सदस्य होने के कारण मामले की सुनवाई सांसद और विधायक मामलों से संबंधित न्यायाधीश करेंगे। मौजूदा और पूर्व सांसद और विधायकों से संबंधित आपराधिक मामलों की रोस्टर पीठ की न्यायाधीश स्वर्ण कांता शर्मा आज इस मामले की सुनवाई कर सकती हैं।
अपनी याचिका में बिभव कुमार ने उच्च न्यायालय को उनकी गिरफ्तारी को अवैध घोषित करने का आग्रह करते हुए कहा है कि अधिकारियों ने सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित कानूनी मानकों का पालन नहीं किया है।
सोमवार को दिल्ली की एक अदालत ने इस मामले में बिभव कुमार की जमानत याचिका को खारिज कर दी थी। फिलहाल वे न्यायिक हिरासत में हैं। सुनवाई के दौरान स्वाति मालीवाल अपने चरित्र हनन और जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाते हुए अदालत में रो पड़ीं।
बिभव कुमार को 13 मई को मालीवाल को प्रताड़ित करने के मामले में 18 मई को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद बिभव कुमार को देर रात एक स्थानीय अदालत में पेश किया गया। अदालत ने उन्हें पांच दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया था।