तेलंगाना सरकार ने स्वयं सहायता समूहों के जरिए सौर बिजली संयंत्रों को स्थापित करके महिलाओं के सशक्तिकरण को बढ़ावा देने संबंधी योजनाओं की घोषणा की है। इसका उद्देश्य एक हज़ार मेगावाट बिजली उत्पन्न करना है। सौर ऊर्जा की प्रत्येक मेगावाट के लिए चार एकड़ जमीन की आवश्यकता होगी। इसके लिए लगभग 4 हजार एकड़ जमीन की पहचान करने की आवश्यकता है।
जिला कलेक्टरों को वीडियो कॉफ्रेंस के जरिए सम्बोधित करते हुए उप-मुख्यमंत्री भट्टी विक्रमारका ने कहा कि महिलाओं की वित्तीय आत्मनिर्भरता उनके विकास के लिए आवश्यक है। उन्होंने इसके लिए सरकारी जमीन सहित मंदिर और सिंचाई की जमीन पहचान करने के निर्देश जिला कलेक्टरों को दिए। उन्होंने कहा कि अगर स्थानीय समुदाय या पारिस्थितिकी तंत्र की ओर से कोई बाधा नहीं हो तो जंगल की जमीन सौर संयंत्र की स्थापना करने के सम्भावित स्थान हो सकते हैं।
उप-मुख्यमंत्री ने दो मेगावाट सौर ऊर्जा का उत्पादन करने के लिए किसानों के लिए प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान योजना को एकीकृत करने का खुलासा किया। सरकार ब्याज रहित ऋण प्रदान करके और स्व-सहायता समूहों को उनके संसाधनों का प्रभावशाली तरीके से इस्तेमाल करके समर्थन देने की योजना रखती है। उप-मुख्यमंत्री ने सौर ऊर्जा उत्पादन के लिए हैदराबाद और रंगारेड्डी जिले जैसे शहरी क्षेत्रों में बड़े भवनों की छतों का इस्तेमाल करने का सुझाव भी दिया।