तेलंगाना उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने पिछले साल विधानसभा चुनाव के बाद बीआरएस से कांग्रेस में शामिल हुए तीन विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग करने वाली भाजपा और बी.आर.एस. की याचिकाओं को खारिज कर दिया है। मुख्य न्यायाधीश आलोक अराधे और न्यायमूर्ति जे श्रीनिवास राव की खंडपीठ ने दसवीं अनुसूची के तहत दलबदल विरोधी कानून और विधानसभा के कार्यकाल को ध्यान में रखते हुए अयोग्य ठहराए जाने की याचिकाओं पर विधानसभा अध्यक्ष से फैसला लेने की सिफारिश की है।
अदालत ने स्पष्ट किया कि विधानसभा के किसी सदस्य के अयोग्य ठहराए जाने के विचाराधीन मामले में विधानसभा अध्यक्ष का निर्णय अंतिम होगा। खंडपीठ ने स्पष्ट किया कि विधानसभा अध्यक्ष के लिए निर्णय लेने के लिए कोई विशिष्ट समय सीमा नहीं है। खंडपीठ ने एकल पीठ के पहले के उस आदेश को खारिज कर दिया जिसमें विधानसभा सचिव को चार सप्ताह के भीतर निर्णय के लिए विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष तीन दलबदलू विधायकों की अयोग्यता याचिका प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया था।