तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने राज्य में शिक्षा, रोजगार और राजनीतिक आरक्षण बढ़ाकर 42 प्रतिशत करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का प्रस्ताव भेजा है। श्री रेड्डी ने कल रात प्रधानमंत्री को इस सम्बंध में एक पत्र लिखा। उन्होंने स्थानीय निकायों, शैक्षणिक संस्थानों और सार्वजनिक सेवा नियुक्तियों में पिछड़े वर्गों के लिए कोटा बढ़ाकर 42 प्रतिशत करने के राज्य सरकार के फैसले पर चर्चा करने के लिए कांग्रेस, भाजपा, बीआरएस, एमआईएम और सीपीआई के प्रतिनिधियों वाले सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के लिए समय मांगा।
मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में यह भी बताया कि तेलंगाना सरकार ने पिछड़े वर्गों के प्रतिनिधित्व का निर्धारण करने के लिए घर-घर जाकर सामाजिक, शैक्षिक, आर्थिक, रोजगार, राजनीतिक और जाति सर्वेक्षण कराया था। एकत्र किए गए आंकड़ों के आधार पर, राज्य सरकार ने कल विधानसभा में विभिन्न क्षेत्रों में पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण को 29 प्रतिशत से बढ़ाकर 42 प्रतिशत करने का प्रस्ताव वाले दो विधेयक पेश किए।
केंद्र से मंजूरी मिलने के बाद तेलंगाना में पिछड़ी जातियों को 42 प्रतिशत, अनुसूचित जातियों को 15 प्रतिशत और अनुसूचित जनजातियों को 10 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा। इससे पहले, मुख्यमंत्री ने तेलंगाना के केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी और बंदी संजय कुमार से अनुरोध किया कि वे प्रस्ताव पर चर्चा के लिए श्री मोदी से मिलने का समय सुनिश्चित करें।
उन्होंने कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष महेश कुमार गौड़ से राहुल गांधी के साथ बैठक सुनिश्चित करने के लिए कहा है ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि यह मुद्दा संसद में उठाया जाए। उन्होंने आश्वासन दिया कि तेलंगाना सरकार राष्ट्रीय स्तर पर पिछड़ी जातियों के लिए 42 प्रतिशत कोटा लागू कराने के लिए प्रतिबद्ध है।