केरल के तिरुवनंतपुरम में आशा कार्यकर्ताओं के विरोध प्रदर्शन का आज 40वां दिन है। विरोध के अगले चरण में दूसरे दिन भी भूख हड़ताल जारी है। आशा कार्यकर्ताओं की मुख्य मांग उनके मानदेय में वृद्धि है। कांग्रेस और भाजपा सहित विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता अपना समर्थन व्यक्त करने के लिए विरोध स्थल पर जा रहे हैं।
यह मामला संसद और राज्य विधानसभा में उठाया जा रहा है। कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्ष ने आशा कार्यकर्ताओं की हड़ताल पर राज्य सरकार के रुख के विरोध में आज विधानसभा से वॉकआउट किया।
विपक्ष के नेता वी.डी. सतीसन ने विधानसभा में आशा कार्यकर्ताओं का मुद्दा उठाया। जवाब में, राज्य मंत्री एम.बी. राजेश ने कहा कि राज्य सरकार हड़ताल के प्रति सहानुभूतिपूर्ण रुख रखती है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि एलडीएफ सरकार ने आशा कार्यकर्ताओं के लिए लगातार प्रोत्साहन राशि बढ़ाई है। उन्होंने कहा कि स्थायी समाधान तभी हो सकता है जब केंद्र सरकार आशा कार्यकर्ताओं को स्वास्थ्य सेवा पेशेवर के रूप में मान्यता देने पर सहमत हो।
इस बीच राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने प्रदर्शनकारियों से हड़ताल खत्म करने की अपील की है और आश्वासन दिया है कि उनकी मांगों पर विचार किया जाएगा। हाल ही में दिल्ली दौरे के दौरान स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा था कि वह इस मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री जगत प्रकाश नड्डा से चर्चा करेंगी, लेकिन मुलाकात नहीं हो सकी।