सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज लखनऊ के डॉ0 राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में छात्रों को डिग्रियां प्रदान कीं। इस मौके पर भारत के मुख्य न्यायाधीश डॉ डीवाई चंद्रचूड़ ने कानून की पढ़ाई को क्षेत्रीय भाषा में कराने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि वह अक्सर देश के तमाम शिक्षाविदों से विचार विमर्श करते हैं कि कैसे कानून को सरल भाषा में पढ़ाया जा सकता है। अगर हम कानून के सिद्धांतों को सरल भाषा में आम जनता को नहीं समझा पा रहे हैं तो इसमें कानूनी पेशे और कानूनी शिक्षा की कमी नजर आती है।
उन्होंने कहा कि डॉ0 राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय को जरूर हिंदी में एलएलबी कोर्स शुरू करना चाहिए। हमारे विश्वविद्यालयों में क्षेत्रीय मुद्दों से जुड़े कानूनों को भी पढ़ाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि न्याय की प्रक्रिया को आम लोगों के लिए आसान बनाया जा सके इसके लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा अंग्रेजी में दिए गए निर्णयों का भारत के संविधान में प्रचलित विभिन्न भाषाओं में अनुवाद किया जा रहा है।
उन्होंने कहा- भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में मैंने ऐसे कई निर्देश दिये हैं स्कीम बनाई है जिससे न्याय की प्रक्रिया को आम लोगों के लिए आसान बनाया जा सके। उदाहरण के तौर पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा अंग्रेजी में दिए गए निर्णयों का, भारत के संविधान में प्रचलित विभिन्न भाषाओं में अनुवाद किया जा रहा है। जिससे आम जनता भी समझ सकें कि निर्णयों में आखिर लिखा क्या गया है। आज 1950 से लेकर 2024 तक सर्वोच्च न्यायालय के 37 हजार निर्णय है रिपोर्ट इंटरवेंशन है सारे 37 हजार जजमेंट का हिन्दी में अनुवाद हो गया है।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि बार और बेंच का बेहतर समन्वय बहुत महत्वपूर्ण है। एक आम जनमानस अधिवक्ता के पास एक उम्मीद लेकर आता है। किसी व्यक्ति से अधिवक्ता जहां कहीं भी साइन करने के लिए कहता है, वह साइन कर देता है, क्योंकि उसको विश्वास है और यह विश्वास ही आपकी सबसे बड़ी पूंजी है। यह विश्वास सामान्य नागरिक का बार और बेंच दोनों पर बना रहना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सुशासन की पहली शर्त, विधि का शासन है।
उन्होंने कहा- सुशासन की पहली शर्त है विधि का शासन, न्याय संगत व्यवस्था और न्याय समयबद्ध तरीके से हो, इसके लिए उस फील्ड के ज्ञाता उतने ही महत्वपूर्ण होते है विधि के शासन के लिए ही आज भारत जाना जा रहा है। रिसेप्शन गवर्नेंस आमजन की भावनाओं को बदलने के लिए देश और दुनिया की धारणा बदलने के लिए अत्यन्त बड़ी भूमिका का निर्वहन कर रहे हैं। इस अवसर पर इन विद्यार्थियों को आज उनकी डिग्रियाँ अवार्ड की गयीं हैं मै सभी विद्यार्थियों को हृदय से बधाई देता हूं।
कार्यक्रम में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति अरुण भंसाली, विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अमरपाल सिंह, प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय समेत अन्य लोग उपस्थित रहे।