राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख डॉक्टर मोहन भागवत ने आज विजयदशमी पर अपने 99वें स्थापना दिवस के अवसर पर महाराष्ट्र के नागपुर स्थित रेशिमबाग मैदान में एक कार्यक्रम को संबोधित किया। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के पूर्व प्रमुख कें राधाकृष्णन इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। संघ प्रमुख ने आज सुबह विजयदशमी के अवसर पर शस्त्र पूजा भी की। इससे पहले आरएसएस के स्वयंसेवकों ने शोभा यात्रा निकाली।
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने महिलाओं के खिलाफ अत्याचार पर दुख: व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में शर्मनाक और अपमानजनक घटना अपराध और राजनीति के बीच सांठगांठ का परिणाम है। डॉक्टर भागवत ने आज राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 99वें स्थापना दिवस पर नागपुर में विजयादशमी के मुख्य समारोह को संबोधित किया। उन्होंने शैक्षिक संस्थानों में सांस्कृतिक मूल्यों को विकसित करने की आवश्यकता को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक मूल्यों की कमी के लिए कुछ ओटीटी प्लेटफॉर्म जिम्मेदार हैं और इसे कानून द्वारा नियंत्रित करने की आवश्यकता है।
डॉक्टर भागवत ने बांग्लादेश की हालिया स्थिति पर कहा कि बांग्लादेश में कट्टरपंथी विचारधारा ने बांग्लादेश में रहने वाले न केवल हिंदुओं के लिए बल्कि अल्पसंख्यकों के लिए भी असुरक्षा पैदा कर दी है। उन्होंने कहा कि कुछ शक्तियां विचारों को विकृत कर शिक्षण संस्थानों और बौद्धिक जगत पर कब्जा करने की कोशिश कर रही हैं।
डॉक्टर भागवत ने संविधान के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि संविधान की प्रस्तावना, नीति-निर्देशक सिद्धांत, मौलिक कर्तव्य और अधिकारों की जानकारी आम लोगों तक पहुंचनी चाहिए। डॉक्टर भागवत ने कहा कि लोगों के बीच संविधान की इन चार महत्वपूर्ण बातों का ज्ञान कराने की व्यवस्था होनी चाहिए।
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ प्रमुख ने विजयदशमी पर शस्त्रपूजन भी किया। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन प्रमुख डॉ. के. राधाकृष्णन इस अवसर पर मुख्य अतिथि थे। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी ने उच्च शिक्षा में बदलाव लाया है और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 भारत को एक जीवंत ज्ञान अर्थव्यवस्था में बदल देगी।
केन्द्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीश और कई प्रमुख गणमान्य लोग इस कार्यक्रम में शामिल हुए। देशभर के विभिन्न स्थानों से स्वयंसेवकों ने नागपुर में आयोजित इस समारोह में हिस्सा लिया। आरएसएस की स्थापना वर्ष 1925 में विजयदशमी के शुभ अवसर पर प्रथम सरसंघचालक डॉक्टर केशव बलिराम हेडगेवार ने नागपुर में की थी। संघ अगले साल अपना शताब्दी वर्ष बनाएगा।