पुणे की एक विशेष अदालत ने डॉ. नरेंद्र दाभोलकर की हत्या के मामले में सचिन अंदुरे और शरद कालस्कर को दोषी ठहराया और आजीवन कारावास की सजा सुनाई। तीन अन्य को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया।
अंधविश्वास विरोधी कार्यकर्ता दाभोलकर की 20 अगस्त 2013 को पुणे में गोली मारकर हत्या कर दी गई। अपर सत्र न्यायाधीश पी.पी. जाधव ने कहा कि अभियोजन पक्ष ने अंदुरे और कालस्कर के खिलाफ हत्या और साजिश के आरोप साबित कर दिए हैं। इन्हें आजीवन कारावास और 5 लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई गई है।