इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि डिजिटल व्यक्तिगत आंकड़े सुरक्षा (डीपीडीपी) नियमावली-2025 के मसौदे से नागरिक सूचित सहमति, डाटा इरेज़र और डिजिटल नॉमिनी नियुक्त करने की क्षमता जैसे अधिकारों से सशक्त बनेंगे। उन्होंने कहा कि यह कानून बनने के बाद नागरिक डाटा चोरी होने या उसके अनाधिकृत इस्तेमाल के मामले में असहाय महसूस नहीं करेंगे। श्री वैष्णव ने एक आलेख में कहा कि नागरिकों के पास अपनी जिडिटल पहचान को प्रभावशाली ढंग से सुरक्षित और प्रबंधित करने के साधन उपलब्ध होंगे। उन्होंने कहा कि यह नियमावली सरलता और स्पष्टता को ध्यान में रखकर तैयार की गई है। इसलिए प्रत्येक भारतीय इसे आसानी से समक्ष सकेगा चाहे उसके पास तकनीकी जानकारी हो या ना हो।
श्री वैष्णव ने कहा कि डीपीडीपी नियमावली नाबालिगों के व्यक्तिगत आंकड़ों को संसाधित करने के लिए अभिभावकों की सहमति या सत्यापन को अनिवार्य बनाएगी। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा उपाय किए गए हैं कि बच्चों का शोषण न किया जाए और उन्हें कोई डिजिटल नुकसान न पहुंचाया जाए।