दिसम्बर 15, 2025 12:40 अपराह्न

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ठंडे और उदासीन दौर में प्रवेश कर चुके हैं अमरीका-भारत संबंध

अमरीकी सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने चेतावनी दी है कि अमरीका-भारत संबंध ठंडे और उदासीन दौर में प्रवेश कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि हाल ही में अमरीका की नीति में हुए बदलाव तीन दशकों में बनी साझेदारी को कमजोर कर रहे हैं। कृष्णमूर्ति ने शिकागो में आयोजित इंडिया अब्रॉड डायलॉग में अपने मुख्य भाषण के दौरान यह बात कही।

 

उन्होंने कहा कि भारत-अमरीका संबंध सौहार्दपूर्ण होने चाहिए और इनका महत्व लगातार बढ़ता रहना चाहिए। समानता, स्वतंत्रता, लोकतंत्र, अल्पसंख्यक अधिकार, धर्मनिरपेक्षता और मुक्त व्यापार के प्रति साझा प्रतिबद्धताओं का हवाला देते हुए श्री कृष्णमूर्ति ने कहा कि भारत का रणनीतिक महत्व आर्थिक पहलुओं से कहीं अधिक है। यह भारत अमरीका का एक अत्यंत महत्वपूर्ण साझेदार और मित्र है। उन्होंने ट्रंप प्रशासन की शुल्‍क नीति की कड़ी आलोचना की।

 

कृष्णमूर्ति ने कहा कि चीन की तुलना में भारत पर अधिक शुल्क लगाना रणनीतिक रूप से प्रतिकूल होगा। उन्होंने बताया कि अमरीका को भारत जैसे अपने मित्र और सहयोगी देशों को दूर नहीं करना चाहिए, क्योंकि अमरीका विश्व में चीन के प्रभाव को संतुलित करने का प्रयास कर रहा है।

 

अमरीकी सांसद ने कानूनी आप्रवासन का बचाव किया और चेतावनी दी कि देश में भारत विरोधी भावना बढ़ रही है। उन्होंने आगे कहा कि अगर अमरीका में कानूनी आप्रवासन प्रणाली नहीं होती, तो उसे डॉ. भरत बराई जैसे प्रख्यात भारतीय-अमरीकी का दर्जा नहीं मिलता। भारतीय अमरीकियों को भारत का सबसे बड़ा निर्यात बताते हुए उन्होंने कहा कि पांच करोड़ की यह आबादी नई दिल्ली और वाशिंगटन के बीच सेतु निर्माता के रूप में काम करती है।

 

2000 के दशक की शुरुआत से ही अमरीका-भारत रणनीतिक साझेदारी का काफी विस्तार हुआ है, जिसमें रक्षा सहयोग, प्रौद्योगिकी और व्यापार शामिल हैं। इंडिया अब्रॉड डायलॉग – दस शहरों का दौरा – शनिवार को अमरीका के मिशिगन राज्य के डेट्रॉइट शहर से शुरू हुआ। यह फाउंडेशन ऑफ इंडिया एंड इंडियन डायस्पोरा स्टडीज-एफआईआईडीएस, यूएस इंडियन कम्युनिटी फाउंडेशन और कई अन्य सामुदायिक संगठनों के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है।