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अगस्त 27, 2025 5:04 अपराह्न

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जैव-प्रौद्योगिकी क्षेत्र ने उत्‍कृष्‍ट विकास क्षमता दिखाई है- विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह

विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा है कि जैव-प्रौद्योगिकी में प्रारंभिक निवेश और नवाचार भारत को अन्य देशों के मुकाबले बढ़त दिलाएगा और भविष्य में बड़ा लाभ देगा। नई दिल्ली में आज डॉ. सिंह ने कहा कि सरकार की बायो-ई-थ्री नीति ने जैव-प्रौद्योगिकी के एक समय उपेक्षित क्षेत्र को युवाओं के बीच सबसे अधिक मांग वाले विषयों में से एक बना दिया है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र ने उत्‍कृष्‍ट विकास क्षमता दिखाई है और वर्ष 2030 तक अर्थव्यवस्था में 300 अरब डॉलर का योगदान देने का अनुमान है। डॉ० सिंह ने कहा कि इस क्षेत्र में नवाचारों से अनुकूलित चिकित्सा उपचार और स्थायी खाद्य विकल्प तैयार करना संभव हुआ है। उन्होंने एक्सिओम-4 मिशन के दौरान जैव-प्रौद्योगिकी में किए गए परीक्षणों और प्रयोगों के महत्व पर भी प्रकाश डाला। डॉ० सिंह ने कहा कि शोध के निष्कर्ष भारत के साथ शेष विश्व के लिए भी प्रासंगिक होंगे और विश्वबंधुत्‍व के भारत के दृष्टिकोण को साकार करेंगे।

    डॉ० सिंह ने युवाओं के लिए डिज़ाइन फॉर बायो ईथ्री चैलेंज के साथ-साथ पहले राष्ट्रीय बायोफाउंड्री नेटवर्क का भी शुभारंभ किया। इस चैलेंज के अंतर्गत, प्रतिभागियों को एक सूक्ष्म जीव, एंजाइम या प्रोटीन जैसी नई जैविक प्रणाली डिज़ाइन करनी होगी। यह चैलेंज दो श्रेणियों में होगी। पहली श्रेणी स्कूली विद्यार्थियों के लिए और दूसरी श्रेणी सभी भारतीय नागरिकों के लिए होगी। दूसरी श्रेणी में शीर्ष 10 हैकाथॉन विजेता समाधानों को एक-एक लाख रुपये और कार्यान्वयन के लिए आगे के अवसर प्रदान किए जाएँगे।

    इस बीच, राष्ट्रीय बायोफाउंड्री नेटवर्क के अंतर्गत, स्वदेशी जैव-अपशिष्ट उत्पादों के विकास और कौशल विकास को प्रोत्‍साहन देने के लिए 6 संस्थानों का उद्घाटन किया गया है।