केंद्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) की नई दरों और स्लैब का कृषि क्षेत्र पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा। भोपाल में एक संवाददाता सम्मेलन में कृषि मंत्री ने बताया कि इन बदलावों से विशेष रूप से छोटे और मध्यम किसानों को लाभ होगा। उन्होंने कहा कि कृषि उपकरणों पर जीएसटी दरों में कमी से खेती की लागत कम होगी और किसानों का लाभ बढ़ेगा।
श्री चौहान ने कहा कि जैव-कीटनाशकों और सूक्ष्म पोषक तत्वों पर भी जीएसटी कम कर दिया गया है, जिससे न केवल किसानों को लाभ मिलेगा, बल्कि रासायनिक उर्वरकों से जैव-उर्वरकों की ओर रुझान को भी बढ़ावा मिलेगा। डेयरी क्षेत्र में, दूध और पनीर पर जीएसटी हटाने से न केवल उपभोक्ताओं को लाभ होगा, बल्कि किसानों, पशुपालकों और दुग्ध उत्पादकों को भी बड़ी राहत मिलेगी।
उन्होंने लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए सरकार के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने इन पहलों के लिए प्रधानमंत्री का धन्यवाद किया और इस बात पर ज़ोर दिया कि ट्रैक्टर, हार्वेस्टर और रोटावेटर जैसे कृषि उपकरणों पर जीएसटी घटाकर 5 प्रतिशत करना किसानों के लिए एक बड़ा बदलाव साबित होगा।
श्री चौहान ने यह भी बताया कि कृषि से जुड़े अन्य क्षेत्र, जैसे पशुपालन, मधुमक्खी पालन, मछली पालन, कृषि वानिकी और मुर्गी पालन, जीएसटी छूट से काफ़ी लाभान्वित होंगे। उन्होंने यह भी कहा कि इससे कृषि अर्थव्यवस्था को और मज़बूती मिलेगी।
केंद्रीय कृषि मंत्री ने ग्रामीण महिलाओं, विशेष रूप से हस्तशिल्प, चमड़े के सामान और डेयरी उत्पादों के क्षेत्र में काम करने वाली स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं पर पड़ने वाले सकारात्मक प्रभाव पर भी प्रकाश डाला। ये सुधार लखपति दीदी सहति कई महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में मदद करेंगे, जिससे उनकी आय बढ़ेगी और इस आंदोलन को नई गति मिलेगी।