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अगस्त 10, 2025 10:02 अपराह्न

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जिनेवा में प्‍लास्टिक प्रदूषण को रोकने के लिए एक सशक्‍त वैश्‍विक समझौता करने के लिए 184 देशों के वार्ताकार एकत्रित हुए

जिनेवा में प्‍लास्टिक प्रदूषण को रोकने के लिए एक सशक्‍त वैश्‍विक समझौता करने के लिए 184 देशों के वार्ताकार एकत्रित हुए। प्‍लास्‍टिक प्रदूषण पर  कानूनी रूप से बाध्यकारी अंतरराष्ट्रीय समझौते को विकसित करने के लिए अंतर-सरकारी वार्ता समिति का पांचवां सत्र जिनेवा में जारी है। इस समिति में प्रशांत क्षेत्र के छोटे द्वीप के विकासशील देशों का एक सशक्‍त प्रतिनिधिमण्‍डल भी शामिल है। यह समिति प्‍लास्टिक के पूर्ण जीवन चक्र की समस्‍या से निपटने के लिए एक आकांक्षी समझौते पर कार्य कर रही है। कुछ देश काम तेजी से पूरा करने के लिए बैठक करना चाहते थे। 
 
अंतरराष्ट्रीय स्वदेशी लोग प्लास्टिक मंच- आईआईपीएफपी ने भी सरकारों से समझौते के सभी पहलुओं पर अपने अधिकारों को बनाए रखने का आह्वान किया है। संयुक्त राष्ट्र घोषणापत्र में स्वदेशी लोगों के अधिकारों की पुष्टि की गई है।
 
मीडिया की खबरों के अनुसार बहुत से बड़े उद्योगों के उपस्थित पक्षकारों ने इस वार्ता को वहां प्रभावित करने की कोशिश की। 
 
संयुक्‍त राष्‍ट्र व्‍यापार के अनुसार 2023 में वैश्‍व‍िक प्‍लास्‍टिक उत्‍पादन 43 करोड 60 लाख मीट्रिक टन पहुंच गया। प्‍लास्‍टिक का व्‍यापार एक ट्रिलियन डॉलर के पार जा चुका है। यह वैश्‍विक व्‍यापार का लगभग पांच प्रतिशत है। इसका कहना है कि अब तक उत्‍पादित सभी प्‍लास्टिक का 75 प्रतिशत हिस्‍सा कचरा बन चुका है। इनमें से अधिकतर हिस्‍सों का रिसाव महासागरों और पारिस्थितिकी तंत्र में हो रहा है। अध्‍ययन में चेतावनी दी गई है कि प्‍लास्टिक मानव और इस उपग्रह के लिए गम्‍भीर खतरा उत्‍पन्‍न कर रहा है। महासागर और नदियां प्‍लास्टिक से पहले ही भरी हुई हैं। यह समस्‍या बदत्‍तर होती जा रही है। अध्‍ययन में कहा गया है कि इसका बढता असंतुलन मानव स्‍वास्‍थ्‍य, खाद्य प्रणाली, पारिस्थितिकी तंत्र और विशेष रूप से छोटे द्वीप तथा तटीय राष्‍ट्रों के दीर्घकालिक विकास के लिए जोखिम भरा है।