अर्ध-शुष्क उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों के लिए अंतरराष्ट्रीय फसल अनुसंधान संस्थान-आई.सी.आर.आई.एस.ए.टी. ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद और अन्य के साथ मिलकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग द्वारा संचालित व्यक्तिगत और वास्तविक समय की जलवायु सलाहकार सेवाएं शुरू की हैं।
कल हैदराबाद में आई.सी.आर.आई.एस.ए.टी. में आयोजित एक कार्यशाला में बड़े पैमाने पर जलवायु-लचीली कृषि के लिए ए.आई.-संचालित संदर्भ-विशिष्ट कृषि परामर्श सेवाएं, परियोजना का शुभारंभ किया गया।
भारत सरकार के मॉनसून मिशन-तीन द्वारा समर्थित, इस पहल से छोटे किसान बढ़ती जलवायु परिवर्तनशीलता के बीच सूचित किए गए निर्णय लेने में सक्षम होंगे।
एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि ये सलाह उपयोगकर्ता के अनुकूल डिजिटल चैनलों के माध्यम से वितरित की जाएंगी, जिसमें ए.आई.-संचालित व्हाट्सएप बॉट भी शामिल है।
यह परियोजना सबसे पहले महाराष्ट्र में आई.सी.ए.आर. की कृषि-मौसम विज्ञान क्षेत्र इकाइयों के माध्यम से छोटे किसानों तक पहुँचाने के लिए लागू की जाएगी।
इस चरण से प्राप्त जानकारी राष्ट्रीय स्तर पर इसके कार्यान्वयन को प्रेरित करेगी और दक्षिण में इसके विस्तार के लिए एक आदर्श के रूप में काम करेगी।