जलवायु परिवर्तन को लेकर सबसे अधिक प्रभावित रहने वाले देश के 50 जिलों में बिहार के 14 जिले चिह्नित किये गये हैं। पटना के उप विकास आयुक्त समीर सौरभ ने बताया कि बिहार के इन जिलों में बाढ, सुखाड़ , भीषण गर्मी, शीतलहर और आपदा का सबसे अधिक खतरा है। उन्होंने कहा कि इन जिलों में कृषि और अन्य क्षेत्रों पर सबसे अधिक प्रभाव देखा जा रहा है। इसके लिए समाधान खोजने और काम करने की आवश्यकता है।
उप विकास आयुक्त ने बताया कि कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने के लिए स्वच्छ ईंधन, सौर ऊर्जा औऱ स्वच्छ उद्योग जैसी पहल पर काम हो रहे हैं। पर्यावरण और विकास दोनों को साथ साथ लेकर चलने की आवश्यकता है।श्री सौरभ जलवायु परिवर्तन के अनकूल किये जाने वाले पहल और कार्बन में उत्सर्जन में कमी को लेकर पटना में आयोजित प्रमंडल स्तर की एक कार्य़शाला को संबोधित कर रहे थे। इसमें विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने भाग लिया।
कार्यक्रम में बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य नीरज नारायण ने कहा कि बिहार सरकार ने 2070 तक नेट जीरो का लक्ष्य तय किया है। इसके तहत पर्यावरण के अनुकूल और हरित तकनीक को अपनाये जाने की आवश्यकता है।