जम्मू-कश्मीर सरकार ने शनिवार को विधानसभा में कहा कि प्रदेश की लगभग 23 प्रतिशत पनबिजली क्षमता का ही अब तक उपयोग हो सका है।
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सदन को बताया कि जम्मू-कश्मीर की पनबिजली क्षमता 18 हजार मेगावाट है। इसमें से अब तक लगभग 3 हज़ार 540 मेगावाट का ही दोहन किया जा सका है।
उन्होंने यह भी कहा कि सौर परियोजनाओं के लिए पर्याप्त भूमि न होने के कारण ही राज्य में बड़ी सौर परियोजनाएं मूर्त रूप नहीं ले सकी हैं।