जम्मू-कश्मीर में हाल की मूसलाधार बारिश और भूस्खलन से नुकसान का आकलन करने के लिए अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय दल ने कल रियासी जिले का दौरा किया। केंद्रीय दल ने समुदाय-आधारित आपदा तैयारियों को मज़बूत करने और महत्वपूर्ण बुनियादी ढाँचे की बहाली को प्राथमिकता देने का सुझाव दिया। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के संयुक्त सचिव कर्नल कीर्ति प्रताप सिंह के नेतृत्व में टीम ने कल उधमपुर और रियासी का और गुरुवार को कठुआ जिले का दौरा किया। केंद्रीय दल ने डोमेल-कटरा राजमार्ग, भूस्खलन प्रभावित बलानी पुल और कटरा में शनि मंदिर के पास भूस्खलन स्थल सहित कई प्रभावित स्थानों का निरीक्षण किया। अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय दल ने खेतों में जाकर फसल के नुकसान का जायज़ा लिया और किसानों से मिलकर उनकी चिंताओं को जाना।
केंद्रीय दल ने कटरा के आध्यात्मिक विकास केंद्र में समीक्षा बैठक में भी भाग लिया, जहाँ रियासी की उपायुक्त निधि मलिक ने जान-माल, पशुधन, फसलों, घरों, सरकारी संपत्ति और सामुदायिक संपत्तियों के नुकसान का विस्तृत ब्यौरा प्रस्तुत किया। उन्होंने पुनर्निर्माण कार्यों, राहत कार्यों और पुनर्वास उपायों से भी दल को अवगत कराया।
अधिकारियों ने बताया कि प्रभावित लोगों के लिए माहोर, जेम्सलान और सरह में राहत शिविर बनाए गए हैं जहां खाद्य सामग्री, आश्रय, चिकित्सा सहायता और अन्य आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।