राज्यपाल गुरमीत सिंह ने जनजातीय समाज से वन संपदा के संरक्षण और जलवायु परिवर्तन के प्रति उनके दृष्टिकोण से प्रेरणा लेने का आग्रह किया। देहरादून स्थित राजभवन में आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल ने आर्थिक रूप से सशक्त होने और सामूहिक प्रयासों से जनजातीय उत्थान की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत की सांस्कृतिक विविधता में जनजातीय समाज का महत्वपूर्ण योगदान है, जिनकी अपनी विशिष्ट बोली, खान-पान और पहनावा है। जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर राजभवन में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिसमें देश की विविध जनजातीय संस्कृतियों की अनूठी छटा देखने को मिली। इस कार्यक्रम में प्रदेश की जौनसारी और भोटिया जनजाति के लोगों के साथ ही अरुणाचल प्रदेश, झारखण्ड, त्रिपुरा और नागालैण्ड की जनजातियों ने अपनी सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से अपनी समृद्ध परंपराओं और लोक नृत्य का मनमोहक प्रदर्शन किया।