प्रेम, भाईचारे और रंगों का त्यौहार होली कल मनाया जाएगा। इसके पहले आज रात बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक होलिका दहन किया जाएगा। राजधानी रायपुर सहित प्रदेश के विभिन्न जिलों में होलिका दहन की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। इस बार भी जागरूकता की वजह से कई जगहों पर लकड़ी के स्थान पर कण्डों की होली जलाने की तैयारी की गई है। प्रशासन ने होलिका दहन मुहूर्त के अनुसार आज रात 12:30 बजे तक करने के निर्देश दिए हैं। पुलिस प्रशासन ने होली के दौरान अस्त्र-शस्त्र के उपयोग और प्रदर्शन के साथ ही डीजे और मुखौटे पर प्रतिबंध लगाया है। वहीं, तेज रफ्तार और शराब पीकर वाहन चलाने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
उधर, बस्तर की रियासतकालीन होलिका दहन परंपरानुसार बीती रात को सबसे पहले माड़पाल गांव में मनाई गई। इसके बाद जगदलपुर के मावली माता मंदिर के सामने परंपरानुसार जोड़ा होलिका दहन किया गया। विशेषज्ञ चिकित्सकों ने रंगों के इस त्योहार को सावधानी और सुरक्षा के साथ मनाने की अपील की है। उन्होंने कहा कि नाए-नाए प्रकार के पकवानों के इस त्योहार के दौरान खान-पान में विशेष सावधानी बरतने की जरूरत होती है। वहीं, आयुर्वेद चिकित्सकों ने बताया कि इस समय वातावरण में अनेक पराग कण मौजूद रहते हैं, जो एलर्जिक रोग पैदा करते हैं, इसलिए होलिका दहन में अगरू, आम, साल, नीम की सूखी टहनियों और गूगुल, कपूर जैसे आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों का उपयोग हवन के रूप में करना चाहिए, ताकि वातावरण संक्रमण रहित हो सके। इस बीच, जांजगीर-चांपा जिले सहित प्रदेश के कई जिलों में होली के मद्देनजर पुलिस ने फ्लैग मार्च निकाला, जो शहर के प्रमुख मार्गों से होकर निकला।