छत्तीसगढ़ में भूमि संबंधी विवादों को दूर करने के लिए जिओ रिफ्रेंसिंग तकनीक का उपयोग किया जाएगा। इस तकनीक के माध्यम से भूमि के नक्शों के लिए खसरा के स्थान पर यू.एल.पिन नंबर दिया जाएगा। साथ ही भूमिधारक को भू-आधार कार्ड मिलेगा। राज्य सरकार ने इस नई तकनीक के इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है और इसके लिए बजट में डेढ़ सौ करोड़ रुपए प्रावधान किया गया है। जिओ रिफ्रेंसिंग तकनीक के उपयोग के लिए राजस्व से जुड़े अमलों की व्यवस्था के साथ ही उन्हें प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
वहीं, जिओ रिफ्रेंसिंग के काम को व्यवस्थित ढंग से संचालित करने के लिए तहसीलदार और नायब तहसीलदार के नये पद स्वीकृत किए जाएंगे।