छत्तीसगढ़ आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो-ईओडब्ल्यू ने महादेव सट्टा ऐप मामले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सहित उन्नीस लोगों के खिलाफ नामजद एफ.आई.आर. दर्ज की है। इसके अलावा दो अज्ञात लोगों के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज की गई है। ई.ओ.डब्ल्यू. ने प्रवर्तन निदेशालय-ईडी के दिए आवेदन पत्र पर बीते चार मार्च को अपराध दर्ज किया है। एफ.आई.आर. के अनुसार महादेव बुक ऐप के प्रमोटर द्वारा ऑनलाइन बैटिंग से मिली अवैध राशि को कई कंपनियों, शैल कंपनियों और शेयर मार्केट में निवेश किया गया। प्रमोटर्स ने अपने अपराध को छुपाने के लिए विभिन्न पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों के अलावा प्रभावशाली राजनीतिक व्यक्तियों का संरक्षण प्राप्त किया, जिसके एवज में उन्हें नियमित तौर पर प्रोटेक्शन मनी के रूप में भारी राशि दी गई। इस राशि के व्यवस्था और वितरण के लिए हवाला ऑपरेटरों के साथ ही पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों का भी उपयोग किया गया।
विभिन्न पुलिस, प्रशासनिक और प्रभावशाली राजनीतिक व्यक्तियों के द्वारा अपने पद का दुरूपयोग कर अवैध संपत्ति अर्जित की गई है। इस संबंध में ईओडब्ल्यू ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, रवि उप्पल, शुभम सोनी, चन्द्रभूषण वर्मा, असीम दास, सतीश चन्द्राकर, सौरभ चन्द्राकर सहित इक्कीस लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश, जालसाजी सहित भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में अपराध दर्ज किया है। इस बीच, पूर्व मुख्यमंत्री और राजनांदगाव लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी भूपेश बघेल ने कहा है कि उनके खिलाफ एफ.आई.आर. राजनीतिक प्रतिशोध के चलते दर्ज की गई है। आज रायपुर में कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में पत्रकारवार्ता को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि महादेव सट्टा ऐप के आरोपियों पर सबसे ज्यादा कार्रवाई उनकी सरकार के कार्यकाल में ही की गई है। श्री बघेल ने कहा कि वे इस मामले को लेकर जनता की अदालत में जाएंगे।