चौथी मेकांग गंगा धम्मयात्रा कल थाईलैंड से दिल्ली पहुंची। इसमें बौद्ध शिक्षाविद्, पूर्व नौकरशाह और प्रबुद्ध नागरिक शामिल हैं। इस यात्रा का नेतृत्व बोधगया संस्थान के महासचिव डॉक्टर सुपाचाई विराफुचोंग कर रहे हैं। इस यात्रा का उद्देश्य मेकांग और गंगा सभ्यताओं के बीच के संबंधों को प्रगाढ करना, संघर्ष से बचने और पर्यावरण के प्रति जागरुकता के लिए धम्म संदेश को बढ़ावा देना है।
बोधगया विज्जालय के प्रमुख डॉ. सुपाचाई ने बताया कि बौद्ध और हिंदू– दोनों संस्कृतियाँ समान हैं। यह यात्रा थाईलैंड के दिवंगत राजा भूमिबोल अतुल्यतेज की 97वीं जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित की जा रही है और 2015 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘धम्म सिद्धांतों के साथ एशिया की सदी’ के दृष्टिकोण के अनुरुप है।