निर्वाचन आयोग ने सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया है कि चुनाव से संबंधित सामग्री पर मुद्रक और प्रकाशकों की स्पष्ट जानकारी होनी चाहिए ताकि चुनाव प्रचार में जवाबदेही और पारदर्शिता बनी रहे। आयोग को इस तरह के ज्ञापन मिले थे कि नगर निकायों के नियंत्रण वाले स्थानों पर ऐसे होर्डिंग देखे गए हैं जिन पर मुद्रक या प्रकाशक का नाम नहीं है। आयोग के अनुसार जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत ऐसे चुनाव संबंधी पर्चे, पोस्टर, प्ले कार्ड या बैनर छापने या प्रकाशित करने पर पाबंदी है, जिनमें मुद्रक और प्रकाशक का नाम व पता स्पष्ट रूप से अंकित नहीं है। आयोग ने कहा कि चुनाव प्रचार के खर्च को विनियमित करने के लिए प्रकाशकों की पहचान का उल्लेख करना आवश्यक है। उसने कहा कि प्रचार सामग्री आदर्श आचार संहिता की रूपरेखा के प्रतिकूल पाये जाने पर जिम्मेदारी तय करने के लिए भी यह जरूरी है। सभी राजनीतिक विज्ञापन संबंधित अधिकारी की मंजूरी के बाद ही प्रकाशित किये जाएंगे।