आज चिपको आंदोलन की 51वीं वर्षगांठ है। 1970 के दशक में वनों की कटाई को रोकने के लिए चमोली जिले से शुरू हुआ यह आंदोलन, अंहिसक और प्रभावी आन्दोलनों में से एक था। इस आंदोलन को देश भर में मशहूर करने वाली घटना 26 मार्च 1974 को चमोली के रैणी गांव से हुई, जब गौरा देवी के नेतृत्व में 27 महिलांए पेड़ों को कटाई बचाने के लिए उनसे चिपक गई थी। इस आंदोलन का मकसद व्यवसाय के लिए हो रही वनों की कटाई को रोकना था। चमोली से शुरू हुआ यह आंदोलन एक दशक के भीतर पूरे उत्तराखण्ड में फैल गया था। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चिपको आंदोलन की वर्षगांठ पर वनों के संरक्षण और संवर्धन के प्रति लोगों को जागरुक करते हुए महान आंदोलनकारियों के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करने का आह्वान किया है।
Site Admin | मार्च 26, 2024 2:50 अपराह्न
चिपको आंदोलन की 51वीं वर्षगांठ पर लोगों ने वनों के संरक्षण और संवर्धन की शपथ ली
 
						 
									 
									 
									 
									 
									