कई किस्मों के चावल की कमी के बीच श्रीलंका में अगले सप्ताह आयातित चावल की पहली खेप पहुंचने वाली है। व्यापारी संगठन के एक प्रवक्ता के अनुसार आयातकों ने भारत और अन्य देशों से चावल के स्टॉक के लिए आदेश दिए हैं।
पिछले सप्ताह मंत्रिमंडल ने 20 दिसम्बर तक चावल की आयात नियंत्रण अनुमति पर अंशकालिक छूट की मंजूरी दी। इस बीच राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके के निर्देशानुसार स्थानीय चावल के स्टॉक का वितरण नियंत्रित मूल्य पर किया जा रहा है।
राष्ट्रपति दिसानायके आने वाले महीनों में चावल की निरंतर और उचित मूल्य की आपूर्ति पर चर्चा करने के लिए लघु और मध्यम स्तर के चावल कारखानों के मालिकों से मुलाकात की थी। चावल कारखानों के मालिकों ने आज से नियंत्रित मूल्यों पर बाजारों में चावल की आपूर्ति का आश्वासन दिया है।
चावल की कमी के बीच अब श्रीलंका द्वारा 70 हजार मीट्रिक टन नाडू चावल का आयात किए जाने के कारण नेशनल पिपुल्स पावर (एनपीपी) सरकार को चुनाव के पहले के अपने रुख को बदलना पड़ा। कारखाना मालिकों और किसानों ने चिंता व्यक्त की है कि नाडू के धान को शराब बनाने के लिए कच्चा चावल बनाने में इस्तेमाल किया गया।
इस कारण उपलब्ध आपूर्ति सीमित हो गई। इसके अतिरिक्त चक्रवात फेंजल के कारण प्रतिकूल मौसम भी फसलों की बर्बादी के लिए जिम्मेदार है। हाल के सप्ताहों में स्थानीय बाजारों में चावल के मूल्यों में तेजी से वृद्धि हुई है। इस कारण चावल के स्टॉक को लेकर चिंताएं बढ़ी हैं।