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मार्च 6, 2025 11:15 पूर्वाह्न

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चम्बा जिला मुख्यालय में धूमधाम के साथ आयोजित किया गया प्रसिद्ध जुकारू उत्सव

बर्फबारी के बाद मौसम खुलने पर आपसी मिलन का प्रतीक चम्बा जिला की जनजातीय पांगी घाटी का प्रसिद्ध जुकारू उत्सव इन दिनों चल रहा है। चम्बा जिला मुख्यालय में भी इस उत्सव को धूमधाम के साथ आयोजित किया गया। वहीं इसके अलावा प्रदेश के अन्य स्थानों में रहने वाले पांगी के लोगों ने भी धूमधाम के साथ इस उत्सव को मनाया। बुजुर्गों व युवाओं ने एक- दूसरे के गले मिलकर जुकारू उत्सव की खुशियां बांटी।  जनजातीय पांगी घाटी में भारी बर्फ के बावजूद इस परंपरा को निभाया गया और लोग जुकारू के रंग में रंगे दिखाई दिए।
जुकारू उत्सव सर्दियों के माघ माह के अंत में राजा बलि की पूजा-अर्चना से आरंभ होकर करीब एक माह तक चलता है।
 इस दौरान घाटी में मौसम के खुलने के बाद लोग एक-दूसरे के घरों में जाकर उनका कुशलक्षेम पूछते हैं। आपस में चाहे जितनी भी रंजिश हो, लेकिन इस उत्सव के दौरान लोग इसे भूलकर एक-दूसरे के गले मिलते हैं। 
पांगी कल्याण संघ के अध्यक्ष भगत बडोत्रा ने सभी को जुकारू की शुभकामनायें देते हुए घाटी के लोगों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की। उन्होंने बताया कि घाटी के लोग लंबे समय से उत्सव की तैयारी पूरी कर ली गई थी। पांगी में लगतार एक माह तक इस उत्सव की धूम रहती है। इस उत्सव की मुख्य विशेषता यह है कि पांगी घाटी के लोग जिला के किसी भी स्थान पर रहते हो वहां मिलकर इस उत्सव को मनाते हैं। उनके अनुसार यह उत्सव मौनी अमावस्या से शुरू होता है। इस दिन लोग तड़के चार बजे उठकर स्नान करके के उपरांत पूजा-पाठ कर पितरों को श्राद्ध देते हैं। मान्यता है कि मौनी अमावस्या को पितरों को श्राद्ध देने से पितर खुश रहते हैं, जिससे वे घर-परिवार पर आने वाले अनेक संकट से रक्षा करते हैं। 

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