उत्तराखंड में कई ऐसे गांव हैं, जहां हर घर से कोई न कोई सेना में सेवा दे रहा है। ऐसा ही एक गांव है चमोली जिले के दूरस्थ देवाल ब्लॉक का सवाड़ गांव, जिसे सैनिक बाहुल्य गांव के रूप में जाना जाता है। सवाड़ गांव के 46 युवा इस समय भारतीय सेना में देश की सेवा कर रहे हैं। इस गांव के 22 सैनिकों ने प्रथम विश्व युद्ध में, 38 सैनिकों ने द्वितीय विश्व युद्ध में और 18 स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने देश के लिए योगदान दिया। इसके अलावा वर्तमान में 78 पूर्व सैनिक भी हैं। गांव के वीर सैनिकों के सम्मान में एक शानदार संग्रहालय और शहीद स्मारक बनाया गया है। सवाड़ गांव के पूर्व सैनिक संगठन के अध्यक्ष गोविन्द सिंह ने बताया कि इस संग्रहालय में प्रथम विश्व युद्ध, द्वितीय विश्व युद्ध, ऑपरेशन ब्लू स्टार, पेशावर कांड, स्वतंत्रता संग्राम और 1971 के भारत-पाक युद्ध में योगदान देने वाले सैनिकों की यादें संजोई गई हैं।
गांव के पूर्व सैनिक ही संग्रहालय और शहीद स्मारक की देखरेख की जिम्मेदारी संभालते हैं। पूर्व सैनिक संगठन के सचिव नंदन सिंह खत्री ने कहा कि अगर सरकार से इसके संरक्षण में मदद मिले, तो यहां आने वाले पूर्व सैनिकों और पर्यटकों को बेहतर अनुभव मिल सकेगा।