चमोली जिले के नीती-माणा घाटी के लोगों को उच्च हिमालयी क्षेत्रों में उगने वाला जंगली फल अमेश यानि सीबकर्थोन के औषधीय गुणों की जानकारी दी गई। अमेश कई विटामिन और खनिज तत्वों से भरपूर एक औषधीय गुण वाला फल है। इसका उपयोग होम्योपैथिक दवाइयों और सौंदर्य प्रसाधनों में भी किया जाता है।
दशोली विकासखंड सभागार में एन॰आर॰एल॰एम के अंतर्गत आयोजित कार्यशाला में हर्बल रिसर्च डिपार्टमेंट के वैज्ञानिक वीपी भट्ट ने ग्रामीणों को बताया कि सीबकथोर्न के फल, पत्ती और फल के बाहर का छिलका सभी औषधि के रूप मे उपयोग किये जा सकते हैं। उन्होंने बताया कि चीन जैसे देश में इस बहुउपयोगी पौधे के लगभग पांच सौ प्रकार के उत्पाद तैयार कर बाज़ार में बेचा जाता है।
जिला सहायक परियोजना अधिकारी केके पंत ने कहा कि सीबकथोर्न का ग्रामीणों द्वारा जब जूस और पत्ता निकाला जाएगा, तो इसका दोहन भी होगा। इसको रोकने के लिए जिला स्तर से उच्च हिमालयी क्षेत्रों में सेंटर नर्सरी भी तैयार की जाएगी। उन्होंने बताया कि जिले स्तर से इसके लिए बजट की व्यवस्था कर इसका पौधा रोपण किया जाएगा।