राज्य में शुरूआती चरण में गढ़वाल और कुमाऊं मंडल की एक-एक नदियों को चिन्हित कर उनके पुनर्जीवीकरण की दिशा में कार्य किये जाएंगे। इसके अलावा वनाग्नि की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्रों में छोटी-छोटी तलैया बनाई जाएगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून में जलागम विभाग की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के साथ ही लोगों की आजीविका को बढ़ाने की दिशा में जलागम विभाग द्वारा विशेष ध्यान दिया जाए।मुख्यमंत्री ने जलागम द्वारा संचालित योजनाओं के अन्तर्गत वाइब्रेंट विलेज को भी प्राथमिकता में रखने को कहा। उन्होंने निर्देश दिये कि जलागम विकास परियोजनाओं के नियोजन और क्रियान्वयन के लिए सतत् जल संसाधन प्रबन्धन, सतत् भूमि व पारिस्थतिकी प्रबंधन, जलवायु परिवर्तन न्यूनीकरण और जैव विविधता संरक्षण को ध्यान में रखते हुए कार्य किये जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पारंपरिक उत्पादों को बढ़ावा देने के साथ ही कृषि योग्य बंजर भूमि में औद्यानिकी व कृषि-वानिकी गतिविधियों द्वारा किसानों की आय में वृद्धि करने के लिए कार्य किये जाएं। बैठक में जानकारी दी गई कि जलागम विभाग द्वारा उत्तराखण्ड में चयनित सूक्ष्म जलागम क्षेत्रों में पर्वतीय कृषि को लाभदायतक और ग्रीन हाऊस गैस न्यूनीकरण के लिए विश्व बैक द्वारा पोषित ‘उत्तराखण्ड जलवायु अनुकूल बारानी कृषि परियोजना’ को स्वीकृति मिली है। 1 हजार 148 करोड़ की धनराशि की यह योजना 2024 से 2030 तक संचालित होगी।
Site Admin | अगस्त 9, 2024 4:18 अपराह्न
गढ़वाल और कुमाऊं मंडल की एक-एक नदियों को चिन्हित कर उनके पुनर्जीवीकरण की दिशा में कार्य किये जाएंगे
