गढ़वाली भाषा की वर्णमाला, लिंग, वचन और गढ़वाली कविता और कहानी लेखन पर देहरादून में दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। गढ़वाली भाषा-साहित्य के संरक्षण और संवर्द्धन में प्रयासरत एक संस्था की ओर से आयोजित कार्यशाला में प्रदेश के लोक गायक नरेन्द्र सिंह नेगी ने कहा कि आज गढवाली भाषा में इस तरह के आयोजन समय की आवश्यकता है। इससे नयी पीढ़ी अपनी भाषा से जुड़ पायेगी। उन्होंने कहा कि हमें पहले अपने समाज के बीच भाषा को बचाना चाहिए, तभी आज के वैश्विक युग में हम अपनी भाषा बचा सकते हैं। संस्था के संस्थापक ओम प्रकाश सेमवाल ने भाषा के संरक्षण के लिए गम्भीर प्रयास करने की आवश्यकता पर बल दिया। इस मौके पर राज्य के विभिन्न क्षेत्रों से आए कवियों और साहित्यकारों ने अपने विचार रखे।