ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन में कमी लाने के देश के प्रयासों का सकारात्मक परिणाम रहा है। वर्ष 2020 में ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन में, इससे पिछले वर्ष की तुलना में लगभग आठ प्रतिशत की कमी आई। संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन कार्यालय को सौंपे गए डेटा के अनुसार भारत के सकल घरेलू उत्पाद में वर्ष 2005 से लेकर 2020 के दौरान ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन आधिक्य में 36 प्रतिशत की कमी रही है।
संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन संधि प्रारूप को भेजी गई चौथी द्विवार्षिक रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2020 में कुल राष्ट्रीय उत्सर्जन 295 करोड़ 90 लाख टन कार्बन के बराबर रहा। हालांकि वर्ष 1994 से ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन अब भी 98.34 प्रतिशत अधिक है। भारत अपने जलवायु परिवर्तन लक्ष्यों को पूरा करने की दिशा में अग्रसर है।
वर्ष 2030 तक इसमें 45 प्रतिशत की कमी लाने और गैर जीवाश्म ईंधन से 50 प्रतिशत विद्युत ऊर्जा क्षमता हासिल करने का लक्ष्य है। ऊर्जा उत्पादन, कृषि और उद्योगों से बड़े पैमाने पर गैस उत्सर्जन के बीच भारत पर्यावरणीय मुद्दों के समाधान के साथ-साथ विकास गति बनाए रखने का प्रयास कर रहा है।