प्रदेश में विभिन्न सामुदायिक संगठनों के उत्पादों को प्रोत्साहित करने और उन्हें स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए ग्राम्य विकास विभाग ने दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसकी सहायता से स्वयं सहायता समूह, ग्राम संगठन और कल्स्टर फेडरेशनों द्वारा उत्पादित उत्पादों की गुणवत्ता, प्रसंस्करण और पैकेजिंग में सुधार तथा विपणन से संबंधित कौशल का विकास करने के प्रयास किए जांएगे।
ग्राम्य विकास सचिव राधिका झा ने इस संबंध में प्रदेश के मुख्य विकास अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी कर कहा है कि समूहों द्वारा खाद्य सामग्री के उत्पादन के लिए ऑनलाईन एफ०एस०एस०ए०आई प्रमाणीकरण किया जाना अनिवार्य होगा।
साथ ही खाद्य सामग्री की पैकेजिंग पर उसमें मिलाई गई सामग्री, निर्माण की तिथि और एक्सपायरी को स्पष्ट रूप से अंकित करने को कहा गया है। उत्पाद की गुणवत्ता और शेल्फ लाइफ को बढाने के लिए मानकीकृत पैकेजिंग करने और खाद्य उत्पादों के लिए स्वच्छता और गुणवत्ता मानकों का सख्ती से अनुपालन को कहा गया है। साथ ही निर्मित उत्पादों में किसी भी तरह के फूड कलर का उपयोग नहीं किया जा सकता।
संबंधित अधिकारियों को हर महीने समूहों द्वारा बनाए गए उत्पादों का निरीक्षण कर गुणवत्ता, पैकैजिंग जैसे मानकों की जांच करने को भी कहा गया है।