गुमला जिले के मरईकोना गांव में 20 सितंबर को जड़ी-बूटियों से बनी दवा के सेवन से वैद्य सहित दो लोगों की मौत मामले की सिविल सर्जन डॉ. नवल कुमार ने जांच की।
सिविल सर्जन ने पाया कि यह मामला विभागीय लापरवाही से नहीं, बल्कि अंधविश्वास और शराब के नशे में जड़ी-बूटी के गलत सेवन से जुड़ा है। घटना के कई घंटे बाद स्वास्थ्य विभाग को सूचना मिली, जिसके कारण बचाव कार्य में देरी हुई।
सिविल सर्जन ने नागरिकों से अपील की है कि वे अंधविश्वास और ओझा-गुनी के चक्कर में न पड़ें। किसी भी स्वास्थ्य समस्या के लिए तुरंत सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठाएं।