देशभर में आज गणेश चतुर्थी का त्यौहार श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। यह दिन ज्ञान, समृद्धि और सौभाग्य के प्रतीक भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। लोग अपने घर में मिट्टी से बनी भगवान गणेश की प्रतिमाएं स्थापित करते हैं। 10 दिन तक चलने वाले उत्सव के दौरान बप्पा की पूजा करते हैं और अंतिम दिन प्रतिमा को धूमधाम से विसर्जित किया जाता है। प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में भी यह त्यौहार धूम-धाम से मनाया जा रहा है।
श्री केदारनाथ धाम में गणेश चतुर्थी के अवसर पर श्री गणेश पूजन और पद यात्रा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर वेद पाठियों और तीर्थ पुरोहितों ने पूजा-अर्चना कर संपूर्ण देश और राज्यवासियों के कल्याण की कामना की। हरिद्वार से महानिर्वाणी अखाड़े के महंत रविन्द्र पुरी महाराज ने आकाशवाणी से बातचीत में बताया कि गणेश जी के ननिहाल कनखल स्थित दक्ष प्रजापति मंदिर में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित की गई।
उन्होंने कहा कि हरिद्वार में प्राचीन काल से ही गणेश चतुर्थी और गणेश उत्सव मनाने की परंपरा चली आ रही है। राजधानी देहरादून समेत चंपावत, पौड़ी और उत्तरकाशी में गणेश जन्मोत्सव के तहत विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। उत्तरकाशी के मुख्य बाजार में ढोल नगाड़ों के साथ गणेश जी की झांकियां निकाली गईं।