केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने खाद्य सुरक्षा प्रणालियों में सुधार के लिए निरंतर सहयोग, नवाचार और प्रतिबद्धताओं का आह्वान किया है। आज नई दिल्ली में वैश्विक खाद्य नियामक शिखर सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए श्री नड्डा ने कहा कि तेजी से हो रहे वैश्वीकरण, तकनीकी प्रगति और बढ़ती उपभोक्ता प्राथमिकताएं खाद्य प्रणालियों को नया रूप दे रही हैं। उन्होंने बढ़ते खाद्य उत्पादन, उपभोग के रुझान और वैश्विक व्यापार के अनुरूप खाद्य मानक तैयार करने में स्वास्थ्य मंत्रालय और भारतीय खाद्य संरक्षा तथा मानक प्राधिकरण (एफ.एस.एस.ए.आई.) की महत्वपूर्ण भूमिका पर भी जोर दिया।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि भोजन में कीटनाशकों के अवशेष मानव स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा करते हैं। उन्होंने कहा कि जैविक खेती और वैकल्पिक कीट नियंत्रण विधियों को बढ़ावा देने के भारत प्रयास कर रहा है लेकिन वैश्विक स्तर पर भी ऐसे प्रयासों की जरूरत है।
श्री नड्डा ने कहा कि हाल ही में, रिपोर्टों से मनुष्यों में माइक्रो प्लास्टिक की मौजूदगी का पता चला है जो चिंता की बात है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण के अनुकूल पैकेजिंग विधियां विकसित करने में भारत के प्रयास महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने खाद्य सुरक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों में अनुसंधान को बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन की स्थापना की घोषणा की है।
इस अवसर पर खाद्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने खाद्य नियामकों, अनुसंधान संगठनों और उपभोक्ता मामलों के विभागों के बीच सहयोग और नवाचार को बढ़ावा देने पर जोर दिया। श्री जोशी ने एफएसएसएआई की ईट राइट पहल की सराहना की।
इस अवसर पर श्री नड्डा और श्री जोशी ने भारत के खाद्य आयात अस्वीकृति चेतावनी पोर्टल-एफ आई आर ए सहित दो डिजिटल प्लेटफॉर्म शुरू किए।
दोनों मंत्रियों ने दूरदर्शन में बाजरा रेसिपी शो की भी शुरूआत की और छठा राज्य खाद्य सुरक्षा सूचकांक 2023-24 जारी किया।
श्री नड्डा ने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्यों को पुरस्कार भी प्रदान किये। केरल को पहले तमिलनाडु को दूसरे और जम्मू-कश्मीर को तीसरे स्थान के लिए पुरस्कृत किया गया। गुजरात को विशेष उल्लेख पुरस्कार दिया गया।