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नवम्बर 17, 2024 1:49 अपराह्न

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कॉप-29 में जलवायु वित्त और न्‍यूनीकरण कार्यक्रम में शामिल होने के लिए विकसित देशों की अनिच्छा पर भारत ने असंतोष व्यक्त किया

भारत ने अजरबैजान के बाकू में कॉप-29 में जलवायु वित्त और न्‍यूनीकरण कार्यक्रम में शामिल होने के लिए विकसित देशों की अनिच्छा पर असंतोष व्यक्त किया है। भारत ने कल शर्म अल-शेख न्‍यूनीकरण महत्वाकांक्षा और कार्यान्वयन कार्यक्रम संबंधी कार्यसूची के बारे में सहायक निकायों की समापन बैठक में वक्‍तव्‍य दिया। विकसित देशों ने कॉप-28 में ग्लोबल स्टॉकटेक से न्‍यूनीकरण पैराग्राफों को महत्वाकांक्षा और कार्यान्‍वयन कार्यक्रम में शामिल करने को कहा था जो कि पहले हुई सहमति के विपरीत है।

   

 

भारत ने सप्ताह के दौरान कॉप-29 की प्रगति पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। एक वक्‍तव्‍य में भारत ने कहा कि विकासशील देशों के लिए महत्वपूर्ण मामलों में कोई प्रगति नजर नहीं आ रही है।

   

 

वक्‍तव्‍य में आगे कहा गया है कि विकासशील देश जलवायु परिवर्तन के कुछ सबसे बुरे प्रभावों का सामना कर रहे हैं, जिसके लिए वे स्‍वयं जिम्मेदार नहीं हैं। इन देशों में उन प्रभावों से उबरने और जलवायु प्रणाली में परिवर्तनों के अनुकूल ढलने की क्षमता कम है।

   

 

भारत ने चिंता व्‍यक्‍त की है कि जिन देशों के पास जलवायु से सम्‍बन्धित कार्रवाई करने की सबसे अधिक क्षमता है, उन्होंने लगातार लक्ष्य बदले हैं, जलवायु संबंधी कार्रवाई करने में देरी की है और वैश्विक कार्बन बजट का काफी बडा भाग इस्‍तेमाल किया है।