केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आज साइबर सुरक्षा को राष्ट्रीय सुरक्षा का एक अभिन्न हिस्सा बताया। उन्होंने कहा कि केन्द्र की साइबर अपराध से निपटने के लिए अगले पांच वर्षों में पांच हजार साइबर कमांडो को प्रशिक्षित करने की योजना है। श्री शाह ने नई दिल्ली में भारतीय साइबर अपराध समन्वय केन्द्र (आई4सी) के पहले स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि देश की प्रगति साइबर सुरक्षा के बगैर संभव नहीं है। श्री शाह ने सभी हितधारकों को इस खतरे से निपटने के लिए एकजुट होने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि साइबर अपराध की कोई सीमा नहीं है।
विभिन्न क्षेत्रों में इंटरनेट के बढते उपयोग का उल्लेख करते हुए श्री शाह ने कहा कि डिजिटल लेनदेन और डिजिटल आंकडों के इस्तेमाल देश में दिन प्रतिदिन बढ रहे हैं। इस कारण साइबर सुरक्षा से जुडे लोगों की जिम्मेदारियां बढ गई हैं। श्री शाह ने कहा कि हाल ही में प्रभावी तीन आपराधिक कानून देश में साइबर अपराध से संबंधित चुनौतियों से निपटने के लिए पर्याप्त प्रावधान रखते हैं।
संदिग्ध पंजीकरण की आई4सी पहल को लेकर श्री शाह ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर का साइबर संदिग्ध पंजीकरण भविष्य में अपराधों को रोकने में सहायक होगा। उन्होंने बताया कि आई4सी साइबर सुरक्षा पर राष्ट्रव्यापी जागरूकता अभियान का शुभारंभ करने जा रहा है। उन्होंने सभी राज्य सरकारों से इस अभियान में शामिल होने का आग्रह किया।
इस अवसर पर श्री शाह ने साइबर अपराध के विरूद्ध संरक्षण की मुख्य पहल और राष्ट्र के लिए समर्पित साइबर धोखाधडी न्यूनीकरण केन्द्र का भी शुभारंभ किया। उन्होंने साइबर अपराध डेटा संग्रह के लिए एक मंच-वेब आधारित मॉड्यूल समन्वय, शेयरिंग, मैपिंग और एनालिटिक्स और प्रवर्तन एजेंसियों के लिए एक समन्वय टूल का शुभारंभ किया। साइबर सुरक्षा बढाने के लिए राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में प्रशिक्षित विशेषज्ञों का एक विंग स्थापित करने संबंधी साइबर कमांडो कार्यक्रम और केन्द्रीय पुलिस संगठन का भी शुभारंभ किया गया। श्री शाह ने बैंकों और वित्तीय मध्यस्थों के सहयोग से राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल पर आधारित पहचानकर्ताओं का पंजीकरण करके धोखाधडी जोखिम प्रबंधन को मजबूत बनाने संबंधी एक नई पहल सस्पेक्ट रजिस्ट्री का भी अनावरण किया।
भारतीय साइबर अपराध समन्वय केन्द्र की स्थापना गृहमंत्रालय के साइबर और सूचना सुरक्षा विभाग की केन्द्रीय सेक्टर योजना के अंतर्गत अक्तूबर 2018 में की गई थी।