केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत पिथौरागढ़ जिले को शीतजल मत्स्य पालन विकास क्लस्टर के रूप में चुना है, जिसे जिले के लिए बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है। क्लस्टर आधारित ट्राउट मत्स्य पालन मॉडल की सफलता, खासकर मुनस्यारी और धारचूला जैसे दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्रों में, पिथौरागढ़ को इस क्षेत्र में अग्रणी जिला बनाती है। मत्स्य विभाग के सहायक निदेशक डॉ. रमेश सिंह चलाल ने बताया कि इस योजना के अंतर्गत सहकारिता के माध्यम से साझा संसाधन, प्रशिक्षण, तकनीकी सहायता और विपणन सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं, जिससे न केवल युवाओं को रोजगार मिला है, बल्कि किसानों की आय में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
पिथौरागढ़ जिले के स्थानीय निवासी यशवंत महर का कहना है कि वर्षों से वे पारंपरिक तरीके से मछली पालन कर रहे थे, लेकिन अब सरकार के सहयोग से पिथौरागढ़ वैज्ञानिक तरीके से मछली उत्पादन कर रहा है। उन्होंने कहा कि इस मॉडल से लोगों की आर्थिकी में भी सुधार हो रहा है।