केन्द्र ने आज भारतीय जल क्षेत्र में विशेष रूप से संचालित होने वाले सभी भारतीय जहाजों के लिए साईन-ऑन, साईन-ऑफ और तट अवकाश पत्र-एसएलपी की दशकों पुरानी आवश्यकताओं को समाप्त कर दिया है। एक विज्ञप्ति में गृह मंत्रालय ने बताया है कि इसने बंदरगाह सीमाओं के भीतर संचालित भारतीय ध्वज वाले तटीय जहाजों, ड्रेजरों या बजरों या अनुसंधान जहाजों के चालक दल के लिए साइन-ऑन, साइन-ऑफ और एसएलपी को समाप्त करने का निर्णय लिया गया है।
पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने इस निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार भारत के नाविकों के साथ मजबूती के साथ खड़ी है। उन्होंने कहा कि भारतीय नाविकों को सशक्त बनाने की दिशा में गृह मंत्रालय ने दशकों पुरानी आवश्यकताएं समाप्त कर दी हैं।
यह मामला गृह मंत्रालय के संज्ञान में लाया गया कि भारतीय नाविक तटीय यात्रा के दौरान साईन-ऑन, साईन-ऑफ और एसएलपी की मौजूदा आप्रवासन प्रक्रियाओं के साथ कठिनाई का सामना कर रहे हैं। चूंकि एसएलपी जारी करने तथा हर 10 दिन में इसके विस्तार के लिए आव्रजन कार्यालय में चालक दल के सदस्यों की भौतिक उपस्थिति आवश्यक है। इससे नाविकों को जहाज पर अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने में कठिनाई हो रही थी।