केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सलाह दी है कि दो साल से कम उम्र के बच्चों को खांसी और सर्दी की दवाएँ न दी जाएँ। मंत्रालय ने एक परामर्श में कहा है कि आमतौर पर पाँच साल से कम उम्र के बच्चों के लिए इन दवाओं की सलाह नहीं दी जाती है, और इससे ज़्यादा उम्र के बच्चों के लिए इनका इस्तेमाल सावधानीपूर्वक डाक्टर की सलाह और कड़ी निगरानी के बाद ही किया जाना चाहिए। मंत्रालय ने इस संबंध में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य सेवा निदेशकों को एक पत्र लिखा है। इसमें कहा गया है कि बच्चों में होने वाली ज़्यादातर गंभीर खांसी की बीमारियाँ अपने आप ठीक हो जाती हैं और अक्सर बिना किसी औषधीय हस्तक्षेप के ठीक हो जाती हैं।
हाल ही में आई उन रिपोर्टों के मद्देनजर, जिनमें कहा गया था कि मध्य प्रदेश में बच्चों की मौत कफ सिरप के सेवन से हुई है, राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र, राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान और केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन के प्रतिनिधियों की एक संयुक्त टीम ने घटनास्थल का दौरा किया। राज्य अधिकारियों के साथ समन्वय में विभिन्न कफ सिरप के नमूनों सहित कई नमूने एकत्र किए गए।