केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने विश्व बैंक से डिजिटल समावेशन और टिकाऊ ऊर्जा के क्षेत्रों में ग्लोबल साउथ के परिवर्तनकारी अनुभवों से लाभ उठाते हुए नवाचारों के दोतरफा आदान-प्रदान को बढ़ावा देने का आह्वान किया है।
वित्त मंत्री ने वाशिंगटन डी.सी. में विश्व बैंक की वार्षिक बैठकों के दौरान भविष्य के लिए तैयार विश्व बैंक समूह विषय पर विकास समिति के पूर्ण सत्र को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने व्यापक भागीदारी को बढ़ावा देने, मध्यम आय वाले देशों को और अधिक ऋण लेने के लिए प्रोत्साहित करने और विकास के दायरे का विस्तार करने के लिए विश्व बैंक से और अधिक प्रतिस्पर्धात्मक मूल्य निर्धारण मॉडल लाने को कहा।
श्रीमती निर्मला सीतारामन ने भारत के इस दृष्टिकोण को एक बार फिर दोहराया कि विश्व बैंक को वैश्विक सूचकांकों और विश्वव्यापी शासन संकेतकों और नये बी-रेडी सूचकांक जैसे देश के तुलना संबंधी कारक तैयार करते समय प्रमाण और डाटा आधारित पद्धति का कड़ाई से पालन करना चाहिए।
वित्त मंत्री ने वार्षिक बैठकों के दौरान, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष में प्रबंध निदेशकों की वैश्विक नीतिगत कार्यसूची संबंधी पूर्ण सत्र में भी भाग लिया। कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि 2024 में वैश्विक अर्थव्यवस्था ने उल्लेखनीय लचीलापन दिखाया है, जबकि कुछ प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में उत्पादन, अपनी क्षमता के करीब पहुंच रहा है, हेडलाइन मुद्रास्फीति आम तौर पर कम हुई है और केंद्रीय बैंकों के लक्ष्य के करीब पहुंच गई है।