नवम्बर 14, 2025 10:03 अपराह्न

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केंद्रीय वस्त्र मंत्रालय के ए. बिपिन मेनन ने निर्यातकों से अमेरिकी शुल्क प्रभाव घटाने के लिए नए बाजार तलाशने का आग्रह किया

केंद्रीय वस्त्र मंत्रालय में व्यापार सलाहकार ए. बिपिन मेनन ने निर्यातकों से अमरीकी शुल्‍क के प्रभाव को कम करने के लिए अपने उत्पादों हेतु नए बाजार तलाशने का आग्रह किया है। वे आज बेंगलुरु में रेशम और इससे जुडे उत्पादों के निर्यातकों और उद्यमियों के लिए आउटरीच और भविष्‍य की राह पर आयोजित बैठक में बोल रहे थे।

 

यह बैठक भारतीय रेशम निर्यात संवर्धन परिषद द्वारा विदेश व्यापार महानिदेशालय और केंद्रीय रेशम बोर्ड के साथ मिलकर अमरीकी टैरिफ लागू होने के बाद निर्यातकों से प्रतिक्रिया प्राप्त करने के लिए आयोजित की गई थी। श्री मेनन ने बताया कि ऑस्ट्रेलिया, संयुक्त अरब अमीरात और ब्रिटेन के साथ मुक्त व्यापार समझौतों ने भारतीय निर्यातकों के लिए नए द्वार खोले हैं।

 

उन्होंने यह भी कहा कि जब तक भारतीय उत्पाद अंतरराष्ट्रीय मानकों पर खरे नहीं उतरते, वैश्विक अपील वाले नए डिज़ाइन पेश नहीं करते और आक्रामक विपणन रणनीतियां नहीं अपनाते, तब तक वे अन्य बाजारों पर अपनी पकड़ मजबूत नहीं कर सकते हैं। उन्होंने रेशम को प्राकृतिक रेशों के साथ मिलाने, शिशु वस्त्र, ओवरकोट, कंबल और गलीचे, मेज़पोश, बुने हुए या क्रोशिया रेशम के उत्पादन का सुझाव दिया।

 

 

उन्होंने कहा कि जापान और नॉर्वे नए बाजार हैं जहां भारतीय वस्तुओं पर कोई शुल्‍क नहीं है। उन्होंने बताया कि कपड़ा मंत्रालय अंतरराष्ट्रीय कपड़ा डिजाइनरों को भारत आमंत्रित करने पर विचार कर रहा है। उन्होंने निर्यातकों से यह भी सुझाव मांगा कि भारतीय दूतावास विदेशी बाजारों और विदेशों में उपभोक्ताओं की उत्पाद पसंद के बारे में जानकारी उपलब्ध कराने में कैसे मदद कर सकते हैं।

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