केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव की अध्यक्षता में देहरादून स्थित इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी में प्रोजेक्ट एलीफेंट की 21वीं संचालन समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में हाथी संरक्षण से जुड़े राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी, वैज्ञानिक, विशेषज्ञ और संरक्षण संस्थानों के प्रतिनिधि मौजूद रहे।
बैठक में मानव-हाथी संघर्ष को प्रमुख चुनौती मानते हुए इसके प्रभावी प्रबंधन में स्थानीय समुदायों को शामिल करने पर जोर दिया गया। केंद्रीय मंत्री ने वन्यजीव संरक्षण में जमीनी स्तर पर कार्यरत कर्मियों की कार्य स्थितियों में सुधार और सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने की आवश्यकता बताई। साथ ही रेलवे, विद्युत मंत्रालय और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण जैसे विभागों के साथ समन्वय कर जागरूकता और संरक्षण उपायों को प्रभावी बनाने की बात कही।
बैठक में बताया गया कि 3 हजार 452 किलोमीटर संवेदनशील रेलवे खंडों का सर्वेक्षण पूरा किया गया है, जिसमें 77 उच्च जोखिम वाले क्षेत्र चिन्हित हुए हैं। बंदी हाथियों की डीएनए प्रोफाइलिंग में अब तक 22 राज्यों से एक हजार 911 प्रोफाइल तैयार की जा चुकी हैं। पूर्वात्तर राज्यों में हाथियों की आबादी के आकलन का पहला चरण पूरा कर लिया गया है और नीलगिरि हाथी रिजर्व के लिए मॉडल संरक्षण योजना पर कार्य जारी है।
बैठक में हाथी-ट्रेन टकराव रोकने संबंधी रिपोर्ट, मानव-हाथी संघर्ष पर अध्ययन और बंदी हाथियों के लिए दांत की सुरक्षित ट्रिमिंग पर परामर्शी दस्तावेज जारी किए गए। साथ ही प्रोजेक्ट एलीफेंट के न्यूजलेटर ‘ट्रम्पेट’ का नवीनतम संस्करण भी जारी किया गया।